Wednesday, June 3, 2009

चुगलखोरी के फायदे


झूठ और सच के साथ चुगलखोरी का अनूठा रिश्ता है। एक चुगलखोर को अमूमन झूठा साबित करने की कोशिशें लगातार की जाती हैं मगर असलियत यही है की चुगलखोर से ज़्यादा सच कोई बोलता भी नही। एक चुगली लगाने में कितनी मशक्क़त करनी पड़ती है, इस बात को इस जालिम ज़माने में कम ही लोग समझते हैं।

भाई पीठ पीछे कोई बात कहने से झूट थोड़े न हो जाती है। अब आप कुछ कारेंगे ही नही तो आपकी चुगली कोई कैसे लगा देगा भला? एक चुगलखोर कितनी मुसीबतें उठाकर और बात खुलने पर पिटने का खतरा उठाकर इतनी जनसेवा करता है। अगर वो काम न करे तो जाने कितनी बातें यूँ ही दफन हो जाएं और हमें उन पर परिचर्चा का अवसर ही न मिले।

चुगलखोरी का एक लाभ और भी है। इस कार्य को निरंतर करने से पेट साफ़ रहता है और पेट में दर्द की शिकायत कभी नही होती। चिकित्सक इस पद्धति का उपयोग कर धन एवं यश लाभ अर्जित कर सकता है। बाबा रामदेव भी इस अछूती रह गई विधा पर अतिरिक्त शोध कर देश विदेश में इसे प्रसिद्ध कर सकते हैं। बहरहाल हमे शोध और लाभ में ज़्यादा दिलचस्पी नही है। मैतो बस इतना ही चाहता हूँ के चिटठा जगत से जुड़े लोग आकर मेरे कार्य मै हाथ बटाएं ताकि mai aap ki सेवा और बेहतर ढंग से कर सकूं।

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